As I sat on the flight to Delhi, all the memories of Nani came flooding in. Sharing some of those memories here.
Rest in peace, Nani.
सुबह सुबह उठके सबको एक ही बात दोहराना
जाओ सब लोग जाके अब जल्दी से नहाना
पंजीरी के लड्डू गोल कैसे बनाते हैं सिखाना
और संडे को फिंगर चिप्स और सूजी का हलवा भी खिलाना
सर पर हाथ फेर के धीरे से सुलाना
पर उससे पहले रोज़ रात कहानियां भी सुनाना
हमारा नाम भूल के हमें रीना, शिखा, ईशु, विंकी, हर नाम से बुलाना
पर अपने पुराने किस्से घंटों बिना कुछ भूले सुनाना
कैरम के स्ट्राइकर से बारीकी से लगाना निशाना
पर बच्चों को खेलते खेलते किसी तरह चुपके से जिताना
कभी लूडो, कभी रम्मी, तोह कभी तीन-दो-पांच साथ खिलाना
और कोट पीस में अपनी टीम को ज़रूर पीसवाना
हमारे साथ ऊटी, कोडाइकनाल, मनाली तक जाना
और रंग बिरंगे फूल देखते ही फोटो भी खिचवाना
वैसे तोह दाल, सब्ज़ी, और लौकी से रोज़ खुश हो जाना
पर बीच बीच में पराठे, पूरी, और नूडल्स भी शौक से खाना
उनसे बात करने के लिए सबका ऊंची आवाज़ में चिल्लाना
पर फिर भी कभी कानो में हियरिंग ऐड नहीं लगाना
सारी ज़िन्दगी धोती पेहेनके अब बोली की काफी आरामदायक है ये पयजामा
पर हम जब भी शॉर्ट्स पहने तोह उन्हें जांघिया ज़रूर बुलाना
कहती की अब हम ९२ के हो गए हैं, ज़्यादा चला नहीं जाता
फिर अगले पल अपनी छड़ी पीछे भूल के आगे कहीं पहुँच जाना
एक ख्वाहिश थी उनकी, जो शायद किस्मत में ना था उनका पाना
की गलती से उन्हें दामाद के हाथों की चाय ना पिलाना
Rest in peace, Nani.
सुबह सुबह उठके सबको एक ही बात दोहराना
जाओ सब लोग जाके अब जल्दी से नहाना
पंजीरी के लड्डू गोल कैसे बनाते हैं सिखाना
और संडे को फिंगर चिप्स और सूजी का हलवा भी खिलाना
सर पर हाथ फेर के धीरे से सुलाना
पर उससे पहले रोज़ रात कहानियां भी सुनाना
हमारा नाम भूल के हमें रीना, शिखा, ईशु, विंकी, हर नाम से बुलाना
पर अपने पुराने किस्से घंटों बिना कुछ भूले सुनाना
कैरम के स्ट्राइकर से बारीकी से लगाना निशाना
पर बच्चों को खेलते खेलते किसी तरह चुपके से जिताना
कभी लूडो, कभी रम्मी, तोह कभी तीन-दो-पांच साथ खिलाना
और कोट पीस में अपनी टीम को ज़रूर पीसवाना
हमारे साथ ऊटी, कोडाइकनाल, मनाली तक जाना
और रंग बिरंगे फूल देखते ही फोटो भी खिचवाना
वैसे तोह दाल, सब्ज़ी, और लौकी से रोज़ खुश हो जाना
पर बीच बीच में पराठे, पूरी, और नूडल्स भी शौक से खाना
उनसे बात करने के लिए सबका ऊंची आवाज़ में चिल्लाना
पर फिर भी कभी कानो में हियरिंग ऐड नहीं लगाना
सारी ज़िन्दगी धोती पेहेनके अब बोली की काफी आरामदायक है ये पयजामा
पर हम जब भी शॉर्ट्स पहने तोह उन्हें जांघिया ज़रूर बुलाना
कहती की अब हम ९२ के हो गए हैं, ज़्यादा चला नहीं जाता
फिर अगले पल अपनी छड़ी पीछे भूल के आगे कहीं पहुँच जाना
एक ख्वाहिश थी उनकी, जो शायद किस्मत में ना था उनका पाना
की गलती से उन्हें दामाद के हाथों की चाय ना पिलाना
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English Transcript
Subah subah uthke sabko ek hi baat dohraana
Jao sab log chal ke ab jaldi se nahaana
Panjeeri ke laddoo kaise gol banaate hain sikhaana
Aur Sunday ko finger chips aur sooji ka halwa bhi khilaana
Sar par haath pher ke dheere se sulaana
Par usse pehle roz raat khaaniyaan bhi sunaana
Humaara naam bhool ke humein Rina Shikha Ishu Winky, har naam se bulaana
Par apne puraane kisse ghanton bina kuch bhoole sunaana
Carrom ke striker se bareeki se lagana nishaana
Par bachhon ko khelte khelte kisi tarah chupke se jitaana
Kabhi ludo, kabhi rummy, toh kabhi 325 saath khilaana
Aur kot pees mein apni team ko zaroor peeswana
Hamaare saath Ooty, Kodaikanal, Manali tak jaana
Aur rang birange phool dekhte hi photo bhi khichwaana
Waise toh daal, sabzi aur lauki se roz khush ho jaana
Par beech beech mein parathe, poori aur noodles bhi shauk se khaana
Unse baat karne ke liye sabka oonchi aawaaz mein chillana
Par phir bhi kabhi kaano mein hearing aid nahi lagaana
Saari zindagi dhoti pehenke ab bole ki kaafi aaraamdayak hai ye pyjaama
Par hum jab bhi shorts pehne toh unhe jaanghiya zaroor bulaana
Kehti ki ab hum 92 ke ho gaye hain, zyaada chala nahi jaata
Phir agle pal apni chhadi peeche bhool ke aage kahin pahunch jaana
Ek khwahish thi unki jo shaayad kismat mein naa tha unka paana
Ki galti se unhe damaaad ke haath ki chaay na pilaana
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